नई दिल्ली:
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं और सब्सिडी शुरू की हैं, लेकिन कुछ कंपनियां अब भी इन योजनाओं के लाभ से वंचित रह गई हैं। ऐसी ही एक कंपनी है लायन इलेक्ट्रिक, जो मौजूदा समय में गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही है।
सूत्रों के अनुसार, लायन इलेक्ट्रिक ने सरकार की FAME-II (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India) स्कीम के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन किया था, लेकिन प्रक्रिया में तकनीकी खामियों और दस्तावेज़ी देरी के कारण कंपनी को सहायता नहीं मिल पाई।
क्या है लायन इलेक्ट्रिक का हाल?
लायन इलेक्ट्रिक पिछले कुछ वर्षों में भारत के ईवी बाजार में तेज़ी से उभरी थी। कंपनी के पास सस्ते और टिकाऊ इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का मजबूत पोर्टफोलियो है। हालांकि, सब्सिडी न मिलने के कारण लागत में बढ़ोतरी हुई है और कंपनी को मार्केट में टिके रहना मुश्किल हो गया है।
कर्मचारियों पर असर
आर्थिक तंगी के चलते कंपनी ने अपने कई प्रोजेक्ट स्थगित कर दिए हैं और कुछ कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा है। यह स्थिति ना केवल कंपनी के लिए, बल्कि देश के ईवी मिशन के लिए भी चिंता का विषय है।
विशेषज्ञों की राय
ऑटो इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार को सब्सिडी देने की प्रक्रिया को और पारदर्शी तथा सुगम बनाना चाहिए, ताकि इनोवेटिव स्टार्टअप्स को समय पर सहायता मिल सके।
क्या सरकार कदम उठाएगी?
अब सवाल यह है कि क्या सरकार लायन इलेक्ट्रिक जैसे उद्यमों को राहत देने के लिए विशेष नीति बनाएगी, या यह कंपनी अन्य कई स्टार्टअप्स की तरह गुमनामी में चली जाएगी?
निष्कर्ष
भारत का ईवी भविष्य तभी उज्जवल होगा जब सरकार और इंडस्ट्री मिलकर चलें। लायन इलेक्ट्रिक का मामला एक चेतावनी है कि यदि नीतियों के क्रियान्वयन में लचीलापन और स्पष्टता नहीं होगी, तो देश कई नवाचारों से वंचित रह सकता है।
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