भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर अपनी मजबूती का प्रदर्शन करते हुए चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) में 7.4% की GDP ग्रोथ दर्ज की है। यह विकास दर अर्थव्यवस्था की स्थिरता और सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, विशेष रूप से वैश्विक अनिश्चितताओं और कई चुनौतियों के बावजूद। यह आंकड़ा सरकार द्वारा घोषित किए गए आर्थिक सुधारों, उत्पादन क्षेत्र में तेजी और उपभोग में वृद्धि का प्रतिफल है।
पूरे वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ 7.6%
वित्त वर्ष 2024-25 के पूरे आंकड़े देखें तो भारत की GDP ग्रोथ 7.6% रही, जो कि सरकार के शुरुआती अनुमान से कहीं बेहतर है। यह वृद्धि दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद स्थिर बनी हुई है।
किन सेक्टर्स ने दिखाई मजबूती?
- उद्योग क्षेत्र (Industrial Sector): चौथी तिमाही में उद्योग क्षेत्र में जोरदार ग्रोथ देखने को मिली। मैन्युफैक्चरिंग, खनन, बिजली और निर्माण जैसे उपक्षेत्रों ने तेज़ी से विकास किया।
- सेवा क्षेत्र (Services Sector): फाइनेंस, रियल एस्टेट, होटल, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों ने GDP में बड़ा योगदान दिया है।
- कृषि क्षेत्र (Agriculture): कृषि क्षेत्र में ग्रोथ थोड़ी धीमी रही, लेकिन ग्रामीण मांग में सुधार ने इसे स्थिर बनाए रखा।
मजबूत ग्रोथ के पीछे कारण
- सरकार की नीति और निवेश: बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश, PLI स्कीम्स, और मेक इन इंडिया जैसी पहलों ने उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा दिया।
- उपभोग में सुधार: घरेलू उपभोग में तेजी आई है। लोग अब अधिक खर्च कर रहे हैं, जिससे बाजार में मांग बढ़ी है।
- निर्यात में वृद्धि: इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल और ऑटो सेक्टर के निर्यात में सुधार हुआ है।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान: डिजिटल भुगतान, ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर में विस्तार ने भी विकास को गति दी है।
वैश्विक तुलना में भारत
भारत की 7.4% तिमाही ग्रोथ रेट वैश्विक स्तर पर भी उल्लेखनीय है। अधिकांश विकसित देशों की GDP ग्रोथ 2-3% के आसपास है, जबकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। IMF और World Bank दोनों ने भारत की ग्रोथ की प्रशंसा की है और आने वाले वर्षों में भी स्थिर विकास की उम्मीद जताई है।
विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था जिस तरह से संरचनात्मक रूप से सशक्त हो रही है, वह आने वाले वर्षों में निवेशकों को और अधिक आकर्षित करेगी। हालांकि, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना आवश्यक होगा ताकि विकास सभी वर्गों तक पहुँच सके।
आगे की संभावनाएं
आर्थिक संकेतक बता रहे हैं कि आने वाले तिमाहियों में भी भारत की अर्थव्यवस्था में तेज़ी बनी रह सकती है। खासकर आगामी बजट और चुनावों के बाद सरकारी खर्च और प्रोत्साहन योजनाओं में और तेजी आने की संभावना है।
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भारत की चौथी तिमाही में 7.4% GDP ग्रोथ यह दिखाती है कि देश की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत है, बल्कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम भी है। नीति निर्धारकों, उद्योगों और आम नागरिकों के संयुक्त प्रयास से भारत आने वाले वर्षों में भी विश्व अर्थव्यवस्था में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखेगा।
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