परिचय
वेदांता लिमिटेड, भारत की अग्रणी खनन और धातु कंपनी, अपने कारोबार के पुनर्गठन के तहत बड़े डीमर्जर प्लान पर काम कर रही है। हाल ही में इस योजना को लेकर बड़ा विवाद सामने आया, जब एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) ने वेदांता के डीमर्जर प्लान पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब एनसीएलएटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण) ने एनसीएलटी के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिससे वेदांता को बड़ी राहत मिली है।
वेदांता डीमर्जर प्लान क्या है?
सितंबर 2023 में वेदांता लिमिटेड ने अपने विविध व्यवसायों को पांच स्वतंत्र सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित करने की घोषणा की थी। इन कंपनियों में शामिल हैं:
- वेदांता एल्युमिनियम मेटल
- वेदांता ऑयल एंड गैस
- वेदांता पावर
- वेदांता आयरन एंड स्टील लिमिटेड
- वेदांता लिमिटेड (बेस मेटल्स का कारोबार)
डीमर्जर के बाद, ये सभी कंपनियां एनएसई और बीएसई पर सूचीबद्ध होंगी, जिससे शेयरधारकों को हर नई कंपनी में एक-एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
डीमर्जर प्रक्रिया के दौरान तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (TSPL) के ऋणदाता सेप्को (SEPCO) ने आपत्ति जताई थी। उनका आरोप था कि वेदांता की बिजली इकाई ने जानबूझकर 1,251 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज को लेनदारों की सूची से बाहर रखा है। इसी आधार पर एनसीएलटी मुंबई पीठ ने 4 मार्च 2025 को वेदांता के डीमर्जर प्लान को खारिज कर दिया था।
एनसीएलएटी का फैसला
एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ वेदांता ने एनसीएलएटी में अपील की। 27 मई 2025 को एनसीएलएटी ने एनसीएलटी के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। एनसीएलएटी ने कहा कि योजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार करने की जरूरत है, और जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक एनसीएलटी के आदेश को लागू नहीं किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त 2025 को होगी।
कंपनी और शेयरधारकों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?
- रणनीतिक लाभ: डीमर्जर से वेदांता अपने अलग-अलग व्यवसायों पर फोकस कर सकेगी, जिससे संचालन और प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी।
- शेयरधारकों को फायदा: डीमर्जर के बाद सभी शेयरधारकों को चार नई कंपनियों में अतिरिक्त शेयर मिलेंगे, जिससे उनके पोर्टफोलियो में विविधता और संभावित रिटर्न बढ़ेगा।
- पूंजी जुटाने में आसानी: स्वतंत्र कंपनियों के रूप में कारोबार करने से पूंजी बाजार तक पहुंच आसान होगी और ऋण प्रबंधन भी बेहतर हो सकेगा।
- शेयर प्राइस में तेजी: एनसीएलएटी के फैसले के बाद वेदांता के शेयरों में तेज उछाल देखा गया, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।
आगे की राह
वेदांता ने पहले ही अपने डीमर्जर प्लान के लिए शेयरधारकों और लेनदारों से आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली है। अब, एनसीएलएटी के आदेश के बाद, कंपनी जल्द ही रिकॉर्ड डेट की घोषणा कर सकती है और डीमर्जर प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की दिशा में आगे बढ़ सकती है। कंपनी का लक्ष्य है कि सितंबर 2025 तक डीमर्जर प्रक्रिया पूरी हो जाए, हालांकि नियामकीय मंजूरियों में देरी से यह समय सीमा आगे भी बढ़ सकती है। टेलीफ़ोनिका डील की अनदेखी? टेलीकॉम अर्जेंटीना ने ऋण बेचकर चौंकाया
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एनसीएलएटी का यह फैसला वेदांता लिमिटेड के लिए एक बड़ी राहत है और कंपनी के पुनर्गठन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। डीमर्जर योजना के सफल क्रियान्वयन से वेदांता न सिर्फ अपने कारोबार को मजबूत बना पाएगी, बल्कि शेयरधारकों के लिए भी नए अवसर पैदा होंगे। अब सबकी नजरें 4 अगस्त 2025 को होने वाली अगली सुनवाई और कंपनी की आगे की रणनीति पर टिकी हैं।
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