आज के समय में "IPO" शब्द निवेश और शेयर बाजार से जुड़े समाचारों में अक्सर सुनने को मिलता है। इस लेख में हम जानेंगे कि IPO क्या होता है, यह कैसे काम करता है, और इसके पीछे की प्रक्रिया क्या होती है। यह लेख केवल शैक्षिक (Educational) उद्देश्य से लिखा गया है।
📑 अनुक्रमणिका (Table of Contents)
- IPO का परिचय
- IPO का पूरा नाम और अर्थ
- IPO कैसे काम करता है?
- IPO लाने की प्रक्रिया
- DRHP और RHP क्या होते हैं?
- Grey Market Premium (GMP) क्या होता है?
- Anchor Investors क्या होते हैं?
- IPO अलॉटमेंट प्रक्रिया
- IPO लिस्टिंग क्या होती है?
- IPO से जुड़ी सामान्य शब्दावली
- नियम और संदर्भ
1. IPO का परिचय
IPO यानी Initial Public Offering, वह प्रक्रिया होती है जिसमें कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हो जाती है।
2. IPO का पूरा नाम और अर्थ
IPO का पूरा नाम है Initial Public Offering. जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक से पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयर बेचती है, तो उसे IPO कहा जाता है।
3. IPO कैसे काम करता है?
कंपनी अपने शेयरों को जनता को ऑफर करती है। इसके लिए वह SEBI के पास एक डॉक्यूमेंट (DRHP) जमा करती है, जिसमें कंपनी की जानकारी, बिजनेस मॉडल और वित्तीय स्थिति होती है।
4. IPO लाने की प्रक्रिया
- कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स IPO का प्रस्ताव पास करता है।
- DRHP तैयार कर SEBI को सौंपा जाता है।
- SEBI से मंजूरी मिलने के बाद IPO की तारीख तय होती है।
- IPO ओपन होने के दौरान निवेशक आवेदन कर सकते हैं।
- IPO क्लोज़ होने के बाद शेयर अलॉटमेंट होता है।
5. DRHP और RHP क्या होते हैं?
DRHP (Draft Red Herring Prospectus) एक प्रारंभिक दस्तावेज होता है जिसमें कंपनी की फाइनेंशियल जानकारी, बिजनेस प्लान, और रिस्क फैक्टर्स होते हैं। RHP (Red Herring Prospectus) अंतिम दस्तावेज होता है जो IPO से पहले पब्लिक किया जाता है।
6. Grey Market Premium (GMP) क्या होता है?
Grey Market एक अनौपचारिक मार्केट होता है जहां IPO के शेयर लिस्ट होने से पहले ही अनौपचारिक रूप से खरीदे-बेचे जाते हैं। इसमें शेयर की मांग और आपूर्ति के अनुसार एक प्रीमियम (GMP) निर्धारित होता है।
7. Anchor Investors क्या होते हैं?
Anchor Investors वे बड़े संस्थागत निवेशक होते हैं जिन्हें IPO ओपन होने से पहले ही शेयर अलॉट किए जाते हैं। इनमें म्यूचुअल फंड्स, बीमा कंपनियां, और विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) शामिल हो सकते हैं।
8. IPO अलॉटमेंट प्रक्रिया
IPO क्लोज़ होने के बाद, निवेशकों के बीच शेयरों का आवंटन किया जाता है। यदि IPO अधिक सब्सक्राइब हो जाए, तो शेयरों का आवंटन लॉटरी के आधार पर होता है। BSE/NSE की वेबसाइट या रजिस्ट्रार पोर्टल (जैसे Link Intime या KFinTech) पर जाकर allotment status चेक किया जा सकता है।
9. IPO लिस्टिंग क्या होती है?
IPO के बाद शेयरों को BSE/NSE पर सूचीबद्ध किया जाता है। उस दिन को 'Listing Day' कहा जाता है और उसी दिन से शेयर खुले बाजार में खरीद-बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाते हैं।
10. IPO से जुड़ी सामान्य शब्दावली
- Lot Size: एक बार में कम-से-कम कितने शेयरों में आवेदन किया जा सकता है।
- Price Band: IPO में शेयर की न्यूनतम और अधिकतम कीमत।
- Retail Investor: सामान्य पब्लिक निवेशक जो ₹2 लाख तक आवेदन करते हैं।
- QIB: Qualified Institutional Buyers
- NII: Non-Institutional Investors
11. नियम और संदर्भ
IPO से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं SEBI (Securities and Exchange Board of India) के दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित होती हैं। कंपनियों के DRHP और RHP SEBI की वेबसाइट पर उपलब्ध होते हैं।
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📌 यह लेख केवल शैक्षणिक उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई कोई भी जानकारी निवेश सलाह नहीं है।
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