GKTrending द्वारा प्रस्तुत
परिचय:
भारतीय शेयर बाजार ने समय के साथ एक लंबा और प्रेरणादायक सफर तय किया है। 1979 में जब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने पहली बार Sensex को 100 अंकों पर लॉन्च किया, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह एक दिन 75,000 अंकों को भी पार कर जाएगा। आज, भारतीय स्टॉक मार्केट दुनिया के टॉप इक्विटी मार्केट्स में गिना जाता है।
1. शुरुआत: 1979 से 1990 तक
- Sensex की शुरुआत 100 अंकों से हुई थी।
- इस दौर में निवेश सीमित था और ट्रेडिंग मैनुअल तरीके से होती थी।
- 1990 में Sensex ने पहली बार 1,000 अंक पार किए।
2. उदारीकरण का दौर: 1991 से 2000
- 1991 में भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुई।
- विदेशी निवेशकों (FIIs) को बाजार में आने की अनुमति दी गई।
- 1992 में हर्षद मेहता घोटाले ने बाजार को हिलाकर रख दिया, लेकिन इसी के बाद रेगुलेशन मजबूत हुआ।
3. IT बूम और 2008 की मंदी: 2000 से 2010
- TCS, Infosys जैसी कंपनियों ने बाजार में जबरदस्त ग्रोथ दी।
- 2008 की वैश्विक मंदी में Sensex 21,000 से गिरकर 8,000 तक आ गया।
- मगर 2009 के बाद तेज रिकवरी शुरू हुई।
4. नई ऊंचाइयों की ओर: 2010 से 2020
- शेयर बाजार में टेक्नोलॉजी का दबदबा बढ़ा।
- Zerodha, Groww जैसे discount brokers आए।
- 2020 में कोविड के दौरान गिरावट आई लेकिन उसके बाद बाजार ने नया इतिहास रचा।
5. मौजूदा स्थिति: 2021 से 2025 तक
- 2021 में Sensex ने 50,000 का आंकड़ा पार किया।
- 2023–2025 में Adani, Reliance, PSU banks और Defence सेक्टर ने तेजी दिखाई।
- 2024 लोकसभा चुनावों और वैश्विक आर्थिक स्थितियों ने उतार-चढ़ाव बढ़ाए, लेकिन बाजार स्थिर बना रहा।
निष्कर्ष:
भारतीय शेयर बाजार ने हर संकट को अवसर में बदला है। आज यह सिर्फ निवेश का माध्यम नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक ताकत का प्रतीक बन चुका है। GKTrending आपके लिए रोज़ ऐसी ही स्टॉक्स न्यूज और एनालिसिस लाता रहेगा।
लेखक: GKTrending Team | स्रोत: BSE, NSE, SEBI रिपोर्ट्स
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