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23 मई 2025
जापान का प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक निक्केई 225 आज जोरदार तेजी के साथ बंद हुआ, जिसकी मुख्य वजह रही अमेरिका में संभावित ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और जापानी येन में जारी कमजोरी। निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, जिससे विदेशी पूंजी प्रवाह में भी इज़ाफ़ा देखने को मिला।
अमेरिका की मौद्रिक नीति का असर
हाल ही में जारी हुए अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के संकेतों से यह स्पष्ट है कि आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं बनी हुई हैं। इसका सीधा असर वैश्विक निवेश धारणा पर पड़ा है। कम ब्याज दरें आम तौर पर जोखिमपूर्ण परिसंपत्तियों में निवेश को बढ़ावा देती हैं — और जापानी इक्विटी मार्केट इसका सबसे बड़ा लाभार्थी बना है।
कमजोर येन से निर्यातकों को फायदा
जापानी येन, जो हाल के दिनों में डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है, ने निक्केई को और मजबूती दी है। एक कमजोर येन जापानी निर्यातकों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सस्ते हो जाते हैं और मुनाफा बढ़ता है। इसके चलते टोयोटा, सोनी, हिटाची जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखी गई।
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विदेशी निवेशकों की सक्रियता
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने जापानी बाजार में मजबूत खरीदारी की, जिससे निक्केई 225 ने दिन का कारोबार 2% की बढ़त के साथ समाप्त किया। यह संकेत है कि वैश्विक पूंजी धीरे-धीरे एशियाई बाजारों की ओर लौट रही है।
आगे की राह
विश्लेषकों का मानना है कि यदि अमेरिकी फेड अपने रुख पर कायम रहता है और जापान में मौद्रिक नीति यथावत रहती है, तो निक्केई इंडेक्स आने वाले दिनों में और नई ऊँचाइयाँ छू सकता है। हालांकि, मुद्रा बाजार में अस्थिरता और भू-राजनीतिक घटनाएँ जोखिम के कारक बने रहेंगे।
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