(रोबर्टो पर्ली की 22 मई 2025 की टिप्पणी पर विश्लेषण)
1. भूमिका
न्यूयॉर्क फेड के सिस्टम ओपन मार्केट अकाउंट (SOMA) मैनेजर रोबर्टो पर्ली ने हालिया भाषण में चेताया कि अमेरिकी मुद्रा बाजार, खासकर रेपो सेगमेंट में तरलता पर हल्का दबाव बनना शुरू हो गया है।
2. मुख्य संदेश क्या था?
- फेड की बैलेंस शीट अब तक लगभग 2.1 ट्रिलियन डॉलर सिकुड़ चुकी है।
- रिज़र्व अब "अति-प्रचुर" से "पर्याप्त" ज़ोन में पहुंच रहे हैं।
- Standing Repo Facility (SRF) की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो रही है।
3. SRF क्या है, और क्यों ज़रूरी है?
SRF वह सुविधा है जिसमें बैंक और डीलर ट्रेजरी सिक्योरिटीज के बदले नक़दी ले सकते हैं। पर्ली ने SRF की पहुँच आसान और नियमित बनाने की बात की ताकि बाजार में अस्थिरता न फैले।
4. दबाव के पीछे कारण
- बैलेंस शीट रन-ऑफ: बांड रिडेम्पशन से फेड के रिजर्व घट रहे हैं।
- ON RRP में गिरावट: मनी मार्केट फंड्स का फेड की सुविधा में निवेश घटा।
- तिमाही-अंत प्रभाव: रिपोर्टिंग तारीखों पर नक़दी मांग बढ़ जाती है।
- SRF की सीमाएँ: नीलामी की टाइमिंग और नेटिंग से जुड़ी दिक्कतें।
5. क्या यह 2019 जैसी पुनरावृत्ति है?
2019 में रेपो रेट अचानक 10% तक उछली थी, लेकिन इस बार स्थितियाँ अब भी नियंत्रण में हैं। SRF जैसी नई सुविधाएं बाजार को स्थिर रखने में मदद कर सकती हैं।
6. वैश्विक और भारतीय परिप्रेक्ष्य
- डॉलर फंडिंग महंगी होने पर उभरते बाजारों से पूंजी निकल सकती है।
- भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी कर्ज का पुनर्भुगतान महँगा पड़ सकता है।
- INR, सोना और बॉन्ड जैसे एसेट्स पर असर संभावित है।
7. निवेशकों के लिए सुझाव
- अमेरिकी शॉर्ट टर्म रेट्स और SRF ट्रेंड्स पर नज़र रखें।
- डॉलर आधारित कर्ज वाली कंपनियों का विश्लेषण करें।
- Trailing Stop Loss का इस्तेमाल करें।
- पोर्टफोलियो में सोना और SGB जोड़ने पर विचार करें।
8. निष्कर्ष
अमेरिकी मुद्रा बाजार में ये शुरुआती संकेत फेड और निवेशकों दोनों के लिए सतर्कता का संदेश हैं। हालाँकि कोई संकट नहीं, लेकिन तरलता को संतुलित रखने के लिए सक्रिय प्रबंधन ज़रूरी होगा।
0 Comments