वैश्विक बाजारों में इन दिनों अस्थिरता का माहौल है। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड टैरिफ को लेकर बढ़ती तनातनी और डॉलर में कमजोरी ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। ऐसे समय में सोना एक बार फिर निवेशकों का पसंदीदा और सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है।
डॉलर में गिरावट: क्या है वजह?
हाल के दिनों में अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में लगातार गिरावट देखी गई है। इसकी मुख्य वजह है अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और टैरिफ की धमकियां। जब भी वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक डॉलर जैसे जोखिमपूर्ण संपत्तियों से दूरी बनाते हैं और सुरक्षित विकल्पों की तलाश करते हैं। इसी कारण डॉलर कमजोर हुआ है।
सोना क्यों है सबसे सुरक्षित निवेश?
- सोना सदियों से सुरक्षित निवेश का प्रतीक रहा है।
- जब भी शेयर बाजार या करेंसी मार्केट में अस्थिरता आती है, निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं।
- सोने की कीमतें वैश्विक घटनाओं के असर से जल्दी संभल जाती हैं।
- यह मुद्रास्फीति और करेंसी में गिरावट के समय भी निवेशकों को सुरक्षा देता है।
- केंद्रीय बैंक भी अपने रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।
निवेशकों के लिए क्या है मौका?
सोने की कीमतों में हाल ही में अच्छी तेजी देखने को मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रेड टैरिफ और डॉलर में कमजोरी का सिलसिला जारी रहा, तो सोने के दाम और बढ़ सकते हैं।
- लॉन्ग टर्म निवेशक सोने में SIP या फिजिकल गोल्ड के रूप में निवेश कर सकते हैं।
- शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स के लिए भी सोना एक अच्छा विकल्प है, लेकिन उन्हें बाजार की चाल पर नजर रखनी चाहिए।
निष्कर्ष
टैरिफ की धमकियों और डॉलर की कमजोरी के इस दौर में सोना निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बन गया है। अगर आप अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो सोने में निवेश एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। फिर भी, निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें और अपने रिस्क प्रोफाइल के अनुसार ही कदम उठाएं।
आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी। ऐसे और आर्टिकल्स के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें!
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